कहते कहते !
कैसे आज किसी कि बातें सुन्ने का,
मन्न कर रहा हैं, फिर से ।।
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
रोते रोते !
आज अचानक क्यों मुसकुराने को,
दिल कह रहा हैं, फिर से ।।
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
भुलाते भुलाते !
क्यों किसी की यादों में,
खौने लगा हूँ, फिर से ।।
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
सुन रहा हूँ ! हस रहा हूँ ! याद भी कर रहा हूँ !,
– – डर लग रहा हैं खुद से, क्योंकि,
– – मैं मेरे साथ, नहीं हूँ फिर से ।।
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
–** #yuvispoetry **–
Waah, beautiful yuvi🌷🌷🌷
LikeLiked by 2 people
Thanks jay
LikeLike
That fear, when u suddenly realise that u r no more urself!!! 😔😔😔😔😔 Beautiful words!
LikeLiked by 1 person
Thank you!🙏🙏🙏
LikeLiked by 1 person