* * -** yuvispoetry **-
Category: broken
हालत-ए-समा कुछ ऐसा है।
कहते कहते ! कैसे आज किसी कि बातें सुन्ने का, मन्न कर रहा हैं, फिर से ।। ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: रोते रोते ! आज अचानक क्यों मुसकुराने को, दिल कह रहा हैं, फिर से ।। ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: भुलाते भुलाते ! क्यों किसी की यादों में, खौने लगा हूँ, फिर से ।। ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: सुन रहा हूँ ! हस रहा… Continue reading हालत-ए-समा कुछ ऐसा है।