कहते कहते ! कैसे आज किसी कि बातें सुन्ने का, मन्न कर रहा हैं, फिर से ।। ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: रोते रोते ! आज अचानक क्यों मुसकुराने को, दिल कह रहा हैं, फिर से ।। ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: भुलाते भुलाते ! क्यों किसी की यादों में, खौने लगा हूँ, फिर से ।। ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: सुन रहा हूँ ! हस रहा… Continue reading हालत-ए-समा कुछ ऐसा है।
क्या आप भी बक्कर बाज़ हैं।
................................................................ ................................................................ बक्कर तो बेहद करता हूँ मैं .. पर, बातें तुम्हारे साथ पूरी होने लगी है .. नज़रे इधर उधर भी रखता हूँ मैं .. पर, आंखें तुमसे ही मिलना शुरू हुई है .. ख्याली पुलाव भी खूब बुनता हु मैं .. पर, कहानी तुमसे सुलझने लगी है .. गणित में बेइन्तेहां कमज़ोर… Continue reading क्या आप भी बक्कर बाज़ हैं।